मुम्बादेवी की कहानी और मुंबई से जुड़ा रहस्य

मुम्बादेवी की कहानी और मुंबई से जुड़ा रहस्य

परिचय

  • भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का नाम किसी अंग्रेज़ या विदेशी शासक से नहीं, बल्कि एक देवी से जुड़ा हुआ है।
  • यह देवी हैं मुम्बादेवी (Mumbadevi), जिनका मंदिर आज भी मुंबई के हृदय में स्थित है।
  • मुम्बादेवी न केवल मुंबईवासियों की आस्था का केंद्र हैं बल्कि इस शहर की पहचान का भी प्रतीक हैं।

मुम्बादेवी की पौराणिक कथा

  • बहुत समय पहले जब मुंबई केवल एक छोटा-सा मछुआरों का गाँव था, यहाँ कोली और अगारी समाज के लोग रहते थे।
  • ये लोग समुद्र से अपनी आजीविका चलाते थे और समुद्र को देवता मानते थे।
  • लेकिन उस समय एक भयंकर दानव मुम्बारका लोगों को बहुत परेशान करता था।
  • वह गाँव वालों का शिकार करता और उनके जीवन में भय फैलाता था।
  • लोगों ने भगवान से प्रार्थना की, और उनकी पुकार सुनकर देवी पार्वती ने एक शक्ति रूप धारण किया।
  • उन्होंने मुम्बारका दानव से भयंकर युद्ध किया और अंततः उसका वध कर दिया।
  • युद्ध के बाद देवी ने लोगों को आशीर्वाद दिया कि वह सदैव उनकी रक्षा करेंगी। तभी से उन्हें मुम्बादेवी कहा जाने लगा।

मुम्बादेवी मंदिर का इतिहास

  • मुम्बादेवी मंदिर मुंबई के भींडी बाज़ार (ज़वेरी बाज़ार के पास) स्थित है।
  • माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 14वीं शताब्दी में बनाया गया था।
  • मंदिर में देवी की प्रतिमा काले पत्थर से बनी है। देवी के सिर पर चाँदी का मुकुट और गले में सोने का हार सुशोभित है।
  • इस मंदिर को मुंबई के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में गिना जाता है।

मुंबई नाम की उत्पत्ति

  • कहा जाता है कि “मुंबई” नाम भी मुम्बादेवी से ही आया है।
  • “मुम्बा” = मुम्बादेवी
  • “आई” (मराठी में) = माँ
  • यानी, मुंबई का अर्थ हुआ – “माँ मुम्बा”

मुम्बादेवी की मान्यता

  • मुम्बादेवी को मुंबई के मछुआरों और स्थानीय निवासियों की कुलदेवी माना जाता है।
  • कोली समाज आज भी बड़े श्रद्धा से उनकी पूजा करता है।
  • मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से माता के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

मुम्बादेवी की कहानी हमें यह सिखाती है कि आस्था और विश्वास से हर कठिनाई को जीता जा सकता है। मुंबई जैसी आधुनिक और व्यस्त शहर की जड़ें भी एक दिव्य शक्ति से जुड़ी हुई हैं। आज भी मुम्बादेवी मंदिर में रोज़ हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं और माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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