- Lalbaugcha Raja (लालबागचा राजा) मुंबई का सबसे लोकप्रिय और श्रद्धालुओं का मनपसंद गणेश उत्सव पंडाल है।
- इसे “मन्नत पूरी करने वाला राजा” भी कहा जाता है।
- हर साल गणेश चतुर्थी पर लाखों लोग यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
- आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी और महत्व।
Lalbaugcha Raja Ka Itihas
- यह परंपरा 1934 में शुरू हुई थी।
- उस समय मुंबई के लालबाग इलाके में Peru Chawl नाम की एक बड़ी बस्ती थी जहाँ मिल मजदूर रहते थे।
- जब वहां की कपड़ा मिल बंद हो गई और चॉल तोड़ दी गई, तो मजदूरों के सामने रोज़गार और रहने की समस्या खड़ी हो गई।
- तब बस्ती के लोगों ने मिलकर गणेश उत्सव की स्थापना की और भगवान गणेश से मन्नत मांगी कि उन्हें रोज़गार और जीवन जीने का साधन मिले।
- कुछ समय बाद उनकी मनोकामना पूरी हो गई। उसी समय से यह गणपति पंडाल “मन्नत पूरी करने वाला” माना जाने लगा।
Kyun Kehlata Hai “Mannat Purti Raja”
- Lalbaugcha Raja का स्वरूप हमेशा से राजसी (शाही) रहा है। गणपति बप्पा एक भव्य सिंहासन पर विराजमान होते हैं।
- यहाँ आने वाले श्रद्धालु अपने दिल से जो भी मन्नत मांगते हैं, उसे पूरा होने वाला माना जाता है।
- इसी वजह से इसे “मन्नत पूरी करने वाला राजा” कहा जाता है।
Aaj Ka Lalbaugcha Raja
- आज यह केवल मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे भारत और विदेशों में बसे लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है।
- हर साल गणेश चतुर्थी पर लाखों लोग यहाँ आते हैं और कई भक्त 15–20 घंटे लाइन में लगकर सिर्फ एक झलक पाने के लिए इंतज़ार करते हैं।
- इसका आयोजन Lalbaugcha Raja Sarvajanik Ganeshotsav Mandal द्वारा किया जाता है।
- मूर्ति का डिज़ाइन लगभग हर साल एक जैसा रखा जाता है, ताकि “Raja” का स्वरूप स्थायी रहे।
Lalbaugcha Raja की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे दिल से मांगी गई प्रार्थना जरूर पूरी होती है। यही कारण है कि हर साल मुंबई और पूरे देश के लाखों लोग यहाँ आकर गणपति बप्पा से अपनी मनोकामनाएँ माँगते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।